भारत के सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ: आईटी क्षेत्र के अग्रणी अधिकारियों पर एक नज़र

 

भारत में, सबसे ज़्यादा वेतन पाने वाले सीईओ मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र से आते हैं, जो उद्योग की अपार वृद्धि और नवाचार और सफलता को आगे बढ़ाने में नेतृत्व पर दिए गए मूल्य को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) के हालिया आँकड़ों के आधार पर, कई प्रमुख व्यक्ति अपनी प्रभावशाली कमाई के लिए सामने आते हैं। आइए इन शीर्ष कमाई करने वालों के बारे में विस्तार से जानें।

1. थिएरी डेलापोर्टे (विप्रो)

मुआवजा: ₹80 करोड़ से ज़्यादा

भूमिका: सीईओ और प्रबंध निदेशक

पृष्ठभूमि: थिएरी डेलापोर्टे ने जुलाई 2020 में विप्रो की कमान संभाली, और कंपनी को महत्वपूर्ण बदलावों के ज़रिए आगे बढ़ाया। उनका मुआवज़ा विप्रो के वैश्विक पदचिह्न को बढ़ाने और विकास को गति देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।






2. रवि कुमार एस. (कॉग्निजेंट)

मुआवजा: $22.56 मिलियन (लगभग ₹186 करोड़)

भूमिका: सीईओ

विवरण: रवि कुमार के पारिश्रमिक में एकमुश्त स्टॉक रिवॉर्ड शामिल है, जो उन्हें भारतीय आईटी क्षेत्र के अधिकारियों के शीर्ष स्तर पर पहुंचाता है। उनके नेतृत्व की विशेषता रणनीतिक विकास और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना है।







3. संदीप कालरा (परसिस्टेंट सिस्टम)

मुआवजा: सार्वजनिक रूप से नहीं बताया गया

भूमिका: सीईओ और कार्यकारी निदेशक

उपलब्धियां: हालांकि सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन संदीप कालरा को भारत में सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ में से एक माना जाता है। उनके नेतृत्व में, परसिस्टेंट सिस्टम ने डिजिटल इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर विकास में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है।



4. नितिन राकेश (एमफैसिस)

मुआवजा: सार्वजनिक रूप से नहीं बताया गया

भूमिका: सीईओ और कार्यकारी निदेशक

योगदान: नितिन राकेश का शीर्ष कमाई करने वालों की सूची में शामिल होना एमफैसिस पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव को दर्शाता है। क्लाउड और संज्ञानात्मक सेवाओं में कंपनी के प्रदर्शन को बढ़ाने में उनकी रणनीतियाँ महत्वपूर्ण रही हैं।



5. सलिल पारेख (इंफोसिस)

मुआवजा: ₹66 करोड़

भूमिका: सीईओ और प्रबंध निदेशक

प्रभाव: भारतीय आईटी क्षेत्र में दूसरे सबसे अधिक वेतन पाने वाले सीईओ के रूप में, सलिल पारेख ने इंफोसिस के डिजिटल परिवर्तन और बाजार विस्तार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वैश्विक नेता के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है।



आय का विश्लेषण

इन सीईओ की प्रभावशाली आय कई प्रमुख रुझानों को उजागर करती है:


स्टॉक रिवॉर्ड: एकमुश्त स्टॉक रिवॉर्ड से मुआवज़ा काफ़ी बढ़ जाता है, जैसा कि रवि कुमार एस के मामले में देखा गया है।

वैश्विक भूमिकाएँ: थिएरी डेलापोर्ट और सलिल पारेख जैसे वैश्विक रणनीतिक प्रभाव वाले सीईओ, अंतरराष्ट्रीय परिचालन के विस्तार में अपनी भूमिकाओं के कारण उच्च मुआवज़ा प्राप्त करते हैं।

विकास में नेतृत्व: संदीप कालरा और नितिन राकेश जैसे नेता जो अपनी कंपनियों में पर्याप्त विकास और नवाचार को आगे बढ़ाते हैं, उन्हें बहुत महत्व दिया जाता है और तदनुसार मुआवज़ा दिया जाता है।

निष्कर्ष

हालाँकि ये आँकड़े स्रोतों और रिपोर्टिंग समय के आधार पर थोड़े भिन्न हो सकते हैं, लेकिन ये अधिकारी भारत के आईटी क्षेत्र में मुआवज़े के मामले में निर्विवाद रूप से सबसे आगे हैं। उनकी रणनीतिक दृष्टि और नेतृत्व न केवल उनकी कंपनियों के प्रदर्शन को बढ़ाता है बल्कि उद्योग के लिए मानक भी निर्धारित करता है।

For more detailed insights, you can refer to the following resources:

These articles offer additional context and updates on the highest-paid executives across various sectors in India.

Image Credit: google.com


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें